*🙏🏻सतगुरुदेव की जय🙏🏻*
*बन्दीछोड कबीर साहेब की जय*
*बन्दीछोड गरीबदास जी महाराज की जय*
*स्वामी रामदेवानंद जी महाराज की जय*








*🙏🏻🌹बन्दीछोड सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय🌹🙏🏻*

*☄भक्ति बोध ☄*

      *"साहेब कबीर की वाणी गुरुदेव के अंग से"* का सरलार्थ

*वाणी :- कबीर, गुरु मानुष करि जानते, ते नर कहिये अंध।*
 *होय दुखी संसार में, आगे यमका फंद।। (11)*

*🔹सरलार्थ :- जो साधक गुरुजी को सामान्य मनुष्य मानते हैं, वह व्यक्ति अंधे (तत्वज्ञान नेत्रहीन) हैं। उनको भक्ति का कोई लाभ नहीं मिलता। जिस कारण से इस संसार में भी दुखी रहेंगे तथा फिर यम(यमराज) के नरक का कष्ट भी बना रहेगा। (11)*

*उदाहरण:  जैसे गणित की पढ़ाई में एक ऋण का प्रश्न होता है। उसमें मूलधन ज्ञात करना होता है। वह मूलधन करोड़ों की संख्या में धनराशि होता है। उस करोड़ों रुपए के मूल धन को प्राप्त करने के लिए मानना पड़ता है कि मान लो मूलधन 100 रु. , हालांकि सौ रु. मूलधन नहीं है। फिर भी सौ रु. को मूलधन मानकर ही करोड़ों रुपयों का मूलधन प्राप्त किया जा सकता है। तभी विद्यार्थी को सफलता मिलती है। इसी प्रकार गुरु भले ही परमात्मा नहीं है, परंतु परमात्मा को प्राप्त करने के लिए गुरु जी को परमात्मा मानना पड़ेगा यानि यह मानकर भक्ति की क्रियाएं करें जैसे मान लो गुरु जी के रूप में परमात्मा उपस्थित होते तो शिष्य का उनके प्रति कैसा लगाव होता। साधक को भगवान मिल जाए तो तुरंत चरणों में लिपट कर रोएगा। अपना जीवन धन्य समझकर विशेष सत्कार करेगा, तभी साधक मोक्ष प्राप्त 🙏🏻*

*🙏🏻सत साहेब🙏🏻*

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