परमेश्वर अवतार होते हुए भी सन्त रामपाल जी क्यों है जेल में"
इस प्रश्न का जवाब जानने के लिए हमे पिछले इतिहास में झांकना पड़ेगा ।आओ इस प्रश्न का जवाब जानने के लिए कुछ अनोत्तरीत प्रश्नों में झांके.......✍️
कृष्ण के मरने के बाद गोपीयो को भिल्लो ने लूठा अर्जुन को भी पीटा.. दुनिया के लोग कृष्ण की फोटो के सामने अपनी अपने
बच्चो की जान की भीख मांगते है । जब कृष्ण जी शरीर मे थे जब वह यादवो और अभिमन्यु को नही बचा पाये ? तुम लोग
तो फोटो को भगवान माने बैठे हो तुम्हे कैसे बचायेगे..?
लोग शिव को भगवान मानते है .एक बार भष्मासूर ने तप किया शिव से भष्म कडा लेकर शिव के पीछे भाग लिया.. शिव भगवान डर कर आगे आगे भाग रहे थे और उनका पुजारी उनको मारने के लिए उनके पीछे भाग रहा था. बताओ शिव खुद की रक्षा नही कर सकते ? शिव को भी मरने से डर लगता है ? सती हवन कुंड मे कूदकर मर गई थी
शिव तो अन्तर्यामी भगवान थे ,उनको क्यो मालूम नही हुआ.. ? क्यो सती को नही बचा पाये..?
जो अपनी पत्नी की रक्षा नही कर सकते वह दूसरो की रक्षा क्या करेगे..? केदारनाथ मे सैकडो लोग मारे गए शिव क्यो नही बचा पाये..? हरिद्वार 1991 मे नीलकंठ पर हजारो लोग मारे गए थे । एक बार हरिद्वार मे25000 साधु कुम्भ के मेले मे आपस मे कट कर कर मर गये शिव क्यो नही बचा पाये?? भगवान थे तो क्यो नही बचाया ????
--> राम को भगवान मानते हो राम को ये नही पता मेरी सीता को कौन उठा ले गया ?? सीता का पता लगाने के लिए भी सेना का सहारा लिया काहे का भगवान??? सीता को रावण उठा ले गया..राम एक सीता की रक्षा नही कर पाया तुम्हारी क्या करेगा.. ? 14 वर्ष जंगल मे भटकने की क्या जरूरत थी.. अगर जंगल मे राक्षसो को मारना था तो वैसे जाकर भी मार सकते थे.. ये वनवासी का ढोंग करने की क्या जरूरत थी..?
राम जी तो भगवान थे पहुच जाते सीधे लंका मे मार देते रावण को...क्या जरूरत थी सीता को 12 साल तक रावण
की कैद मे डालने की...? अध्यात्म की जानकारी ना होने के कारण मूर्खों के मन मे इस प्रकार के विचार कौंधते हैं आते हैं जैसे राम ने रावण को मारने के लिए अपनी प्रिय सीता को उसकी कैद मे डाला था और करोडो सैनिको का बलिदान दिया था ठीक इसी तरह रामपाल जी महाराज ने इस
संसार से काल के अज्ञान को हराकर पूर्ण परमात्मा के ज्ञान को जीताने के लिए अपने अतिप्रिय शिष्यो को कुछ समय के लिए पुलिस की जेल मे डाला और खुद भी चले गये.. जैसे सीता माता के लिए करोडो सैनिको ने बलिदान दिया.. ठीक इसी तरह इस विश्व कल्याण के लिए सतलोक आश्रम मे कुछ भगत बहनो ने बलिदान दिया.. आने वाले समय मे दुनिया उनको याद करेगी.. किसान को ज्यादा से ज्यादा लोगो का पेट भरने केलिए बीज को मिटटी मे मिलाना पडता है ।इसी तरह रामपाल जी महाराज ने विश्व कल्याण के लिए अपने शिष्यो और खुद को जेल मे ले जाकर मिटटी मे मिला दिया है । लेकिन भविष्य मे इस विश्व के लोग रामपाल जी को पलको पर बैठायेगे जब
उनको सच्चाई का पता चलेगा.............
कबीर - जब कलयुग 5500 वर्ष बीत जाये ।
तब एक महापुरूष फरमान जग तारन को आये ।।
तो कलयुग 5500 वर्ष बीत चुका है रामपालजी महाराज आ चुके हैं । —
जीव हमारी जाति है , मानवता धर्म हमारा ।
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाइ धर्म नही कोई न्यारा ।।
कबीर, वेद(सामवेद, यजुर्वेद, अथवर्वेद, ऋग्वेद) कतेब ( कुर्आन शरीफ, जबूर,तौरात,इंजिल) झूठे नहीं भाई।
झूठे है जो समझे नाहिं।।
कबीर, वेद मेरा भेद है, मै ना मिलुँ वेदन के माहि।
जौन वेद से में मिलूं ये वेद जानते नाहीं ।।
सत साहेब🙏🙏
अवश्य देखिये - साधना टी. वी. शाम 7:30 बजे।
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