#आंसु_
__आंसु_....
#परमात्मा कहते है कि अगर #सत्संग मे #परमात्मा की #वाणी #सुनकर भक्त के #आँख से #आंसु आ जाते है तो समझ लो कि उस भक्त के अंदर भक्ति प्रवेश कर चुकी है और अगर परमात्मा का सत्संग ( वाणी ) सुनकर या देखकर भक्त के आँख मे आंसू नही आ रहे तो समझ लो कि उनके अंदर भक्ति प्रवेश नही हुई है ??

क्योकि परमात्मा कहते है कि हम सच्चे आत्मा से अगर परमात्मा की भक्ति करते है तो परमात्मा की वाणी सुनकर हमारी आत्मा रो पड़ती है क्योकि ये आत्मा परमात्मा का अंश है और मन काल का अंश है |

.....#परमात्मा कहते है कि परमात्मा की वाणी सुनकर हमारी आत्मा रो पड़ती है तब हमारे अंदर जो युगो - युगो के पाप कर्म संचित है वो पाप परमात्मा की वाणी सुनकर हमारे आँखों के माध्यम से आंसु बनकर निकल आते है और उससे हमारा पिछला पाप कम होने लगता है |

......इस आत्मा का खुराक ही परमात्मा है
परमात्मा का सत्संग सुनना , परमात्मा की पूजा पाठ करना इन सभी क्रियाओ को करने के बाद ही आत्मा संतुष्ट होती है और इन्ही क्रियाओ के करने से हमारे पाप खत्म होते है |

इसलिए परमात्मा कहते है कि परमात्मा का नाम लेने से ही परमात्मा का भजन , परमात्मा का सत्संग सुनने मात्र से ही भक्त के आंखो मे आंसु आ जाना चाहिए क्योकि हमारे कुछ पाप इन आंसुओ के माध्यम से ही धूल जाते है और हमारे आँख से आंसू आने का मतलब की परमात्मा ने ,परमात्मा के वचनो ने हमे छूआ है जिस कारण से हमारी आँखे नम हो रही है और हमारे पाप इन आंसुओ के माध्यम से धूल रहे है |



...  इसलिए परमात्मा की भक्ति मे आँख से आंसू आना भी बहुत जरुरी है ये आंसू  ही परमात्मा के प्रति हमारा प्यार ,विश्वास और तड़प को प्रदर्शित करती है |

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Must watch sadhna T.v 7:30pm.

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