आदरणीय हजरत मोहमद जी एक पाख पुरुष थे मुसलमान धरम के कुछ नकली धरमगुरओ ने भरमणा फैला रखी है कि हजरत मोहमद जी मांस खाते थे पर नही हजरत मोहमद जी तो एक पाख पुरुष थे ओर उनके 1 लाख 80 हजार शिषय थे जिनहोने कभी मांस को छुआ तक भी नही जिसका सही चित्रण संत गरीबदास जी ओर कबीर साहिब की वाणी से मिलता है ❤
नबी मोहमद नमसकार है राम रसुल कहाया ।
एक लाख अससी को सौगंध जिन नही करद चलाया ॥
अरस कुरस पर अलह तखत है खालिक बिन नही खाली
वे पैंगमबर पाख पुरुष थे साहिब के अबदाली ॥

 

 

 

 

 

 

 

 


जब मोहमद जी को परमातमा मिले तब वह उनका फरमान लाए जिसमे सिरफ रोजा बंग ओर नमाज की बात कही थी मासुम जानवरो को मारने की नही
हम मोहमद को सतलोक ले गयो ।इचछा रुपी वहां नही रहयो ॥उलट मोहमद महल पठाया गुज बीरज एक कलमा लाया । रोजा बंग ओर नमाज दई रे बिसमिल ( गोशत ) की नही बात कही रे ॥
एक बार हजरत मोहमद जी गाय को शबद शकति से मार देते है पर उसको जीवित भी कर देते है उस गाय का उनहोने मांस तक नही खाया
मारी गऊ शबद के तीरं ऐसे थे मोहमद पीरं ।
शबदै फिर जिवाई हंसा राखया मांस नही बखया ऐसे पीर मोहमद भाई ॥
पवित्र कुरान शरीफ के उतरने से पहले तीन आसमानी किताब ओर आई थी जिसमे मांस खाने का बिलकुल जिकर नही है जंबुर तौरेत ओर इंजिल इन तीन पवित्र आसमानी किताब के पैदाइश नामक chapter मे खुदा ने इंसानो को आदेश दिया कि बीज फलदार जितनी भी चीजे है वो तुमहारे खाने के लिए
साधना चैनल
7:30 से 8:30 शाम के
विशव विजेता संत रामपाल जी ❤
Spiritual Leader Saint Rampal Ji

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